दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ बदसलूकी और हाथापाई के मामले को लेकर राजधानी की राजनीति गरमाई हुई है। भाजपा और आम आदमी पार्टी में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। उधर, देवली से AAP विधायक प्रकाश जारवाल की गिरफ्तारी के बाद बुधवार को इसी मामले में दूसरे आरोपी ओखला से विधायक अमानतुल्लाह खान ने भी सरेंडर कर दिया। पूरे घटनाक्रम से दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश सुर्खियों में हैं। आइये आपको बताते हैं कौन हैं अंशु प्रकाश और क्या है पूरा मामला।
1990 बैच के आईएएस ऑफिसर
अंशु प्रकाश 1990 बैच के अरुणाचल प्रदेश-गोवा-मिजोरम कैडर के आईएएस ऑफिसर हैं। उन्हें पिछले साल 1 दिसंबर को दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव के तौर पर नियुक्त किया गया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वे केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव रह चुके हैं। इसी मंत्रालय में अंशु वित्तीय सलाहकार भी रहे हैं। वे दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के प्रधान सचिव के रूप में भी काम कर चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने दिल्ली नगर निगम में भी काम किया है।
यह है पूरा मामला
दरअसल, मुख्य सचिव अंशु प्रकाश ने आरोप लगाया है कि सोमवार देर रात मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर उन्हें मीटिंग के लिए बुलाया गया था। इस दौरान आम आदमी पार्टी विधायकों ने सरकारी विज्ञापन रिलीज करने का दबाव बनाया और उनके साथ मारपीट की। इस घटना के बाद मुख्य सचिव ने मंगलवार को दिल्ली पुलिस में शिकायत की, जिसके बाद ओखला विधायक अमानतुल्लाह समेत अन्य विधायकों के खिलाफ केस दर्ज किया गया। खबरों की मानें, तो इन विधायकों पर आपराधिक साजिश और सरकारी अधिकारी के काम बाधा डालने जैसी धाराओं में केस दर्ज किया गया है। इसके बाद AAP नेता आशीष खेतान ने मंगलवार को सचिवालय में खुद के साथ मारपीट का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में लोगों के हुजूम ने मारो-मारो की नारेबाजी भी की। उनका कहना है कि 150 लोगों का हुजूम था, जो अपने आप में ही चौंकाने वाली बात है। मैं लिफ्ट का वेट कर रहा था, तभी 30 से 35 लोग मारो-मारो का नारा लगाते हुए आए।
चेहरे पर कट और कंधे पर चोट के निशान
उधर, इस मामले की वजह से राजधानी दिल्ली में सरकार और अधिकारियों के बीच तनातनी से एक बार फिर राजनीतिक हालात बिगड़ते हुए दिखाई दे रहे हैं। मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ मारपीट के बाद दिल्ली सरकार के कर्मचारियों ने काली पट्टी बांधकर विरोध भी जताया। दूसरी तरफ IAS अधिकारियों ने दिल्ली सरकार में किसी भी मंत्री के साथ बैठक में शामिल होने से मना कर दिया है। मामले में दिल्ली पुलिस ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सलाहकार वीके जैन को भी हिरासत में लिया था। तीन घंटे की पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया गया। वीके जैन ने ही मुख्य सचिव अंशु प्रकाश को फोन करके बैठक में आने को कहा था। मुख्य सचिव ने जो शिकायत दर्ज करवाई है, उसमें भी वीके जैन का नाम शामिल था…Next
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