इंडिया-आसियान कमेमरेटिव समिट में शामिल होंगे। वहीं, शुक्रवार को गणतंत्र दिवस परेड में मौजूद रहेंगे। आसियान देशों और भारत के बीच संबंधों के 25 साल पूरे हो रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने नवंबर 2017 में आसियान देशों के राष्ट्राध्यक्षों को गणतंत्र दिवस की परेड के लिए आमंत्रण भेजा था। जब इन राष्ट्राध्यक्षों को आमंत्रित किया गया, तो पीएम मोदी के इस कदम को चीन के बढ़ते प्रभाव का जवाब माना गया था। आइये आपको इस संगठन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें बताते हैं।
अगस्त 1967 में हुई स्थापना
आसियान यानी एसोसिएशन ऑफ साउथ ईस्ट एशियन नेशन 10 अहम देशों का एक समूह है। 8 अगस्त 1967 को आसियान का गठन किया गया था। उस समय इंडोनेशिया, मलयेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर और थाईलैंड ने इस संगठन की शुरुआत की थी। हालांकि, तब ऐसा शायद ही किसी ने सोचा होगा कि यह संस्था जल्द ही अपनी खास पहचान बना लेगी। बाद में इसके सदस्य देशों में ब्रुनेई, कंबोडिया, लाओस, म्यांमार और वियतनाम को शामिल किया गया। 10 सदस्यों वाली इस संस्था का मुख्य मकसद दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र में अर्थव्यवस्था, राजनीति, सुरक्षा, संस्कृति और क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ाना है।
संवाद की आधिकारिक भाषा इंग्लिश
आसियान संयुक्त राष्ट्रसंघ का एक आधिकरिक पर्यवेक्षक है। इस संगठन के सदस्यों के बीच होने वाले संवाद की आधिकारिक भाषा इंग्लिश है। आसियान देशों की सीमाएं भारत, ऑस्ट्रेलिया, चीन, बांग्लादेश, ईस्ट तिमोर और पापुआ न्यूगिनी के साथ लगी हुई हैं। आसियान का दायरा 44 लाख स्क्वाॅयर किमी में फैला है, जो क्षेत्रफल के लिहाज से दुनिया का 3 फीसदी एरिया कवर करता है। अब तक आसियान के 31 शिखर सम्मेलन हो चुके हैं।
आबादी 64 करोड़ और जीडीपी 213 लाख करोड़
आसियान देशों की कुल आबादी 64 करोड़ और इनकी जीडीपी 213 लाख करोड़ रुपये है। यह भारत की कुल जीडीपी (159 लाख करोड़ रु.) से 33% अधिक है और आबादी आधी (करीब 130 करोड़) है। यानी आसियान आर्थिक रूप से मजबूत है। गणतंत्र दिवस की परेड से पहले आसियान देशों के नेता गुरुवार को इंडिया-आसियान कमेमरेटिव समिट में शामिल होंगे। यह सम्मेलन साझेदारी के 25 साल पूरे होने पर आयोजित हो रहा है। यह सही है कि आसियान एक विकासशील देशों का गुट है, लेकिन गैर-सदस्य अमेरिका, चीन और जापान जैसे संपन्न देश भी इसमें खासी रुचि रखते हैं। वहीं, भारत भी इसका सदस्य न होने के बावजूद आसियान के साथ लगातार बेहतर संबंध बनाए रखने की कोशिश में जुटा है।
भारत-आसियान की सोच एकसमान
कई अहम पैमानों पर भारत और आसियान की सोच भी एकसमान है। क्षेत्र में शांति और सुरक्षा के साथ ही खुली, संतुलित और समावेशी अवधारणा पर भी दोनों एकमत हैं। भारत की भौगोलिक स्थिति रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण है। यह हिंद महासागर और प्रशांत महासागर के बीच कई प्रमुख समुद्री मार्गों के बीच स्थित है। ये समुद्री मार्ग तमाम आसियान देशों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण व्यापारिक मार्ग भी हैं। ऐसे में व्यापार को सुगम बनाए रखने के लिए इन समुद्री मार्गों की सुरक्षा दोनों पक्षों के लिए समान रूप से आवश्यक है…Next
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