स्वतंत्रता सेनानियों में नेताजी सुभाष चंद्र बोस एक ऐसी शख्सियत थे, जिन्होंने देश को नई ऊर्जा दी। ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा’ का नारा देने वाले नेताजी का आज जन्मदिन है। आजाद हिंद फौज के संस्थापक और अंग्रेजों से देश को मुक्त कराने में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी साल 1897 को हुआ था। अंग्रेजों के खिलाफ लड़ने के लिए नेताजी ने जापान के सहयोग से आजाद हिन्द फौज का गठन किया था। उनके देशप्रेम से शायद ही कोई अनजान हो। उनकी जिंदगी से जुड़े कई ऐसे किस्से हैं, जो आज भी लोगों को प्रेरणा देते हैं। मगर नेताजी के जीवन का एक दूसरा पहलू भी है और वो है उनकी प्रेम कहानी। आइये नेताजी के जन्मदिन पर उनकी जिंदगी से जुड़े इस प्यारे किस्से के बारे में आपको बताते हैं।
ओडिशा के कटक में हुआ जन्म
जानकीनाथ कटक के मशहूर वकील थे। नेताजी के माता-पिता की कुल 14 संतानें थीं, जिनमें नेताजी उनकी नौवीं संतान थे। साल 1934 में जब ब्रिटिश सरकार ने नेताजी को भारत से निर्वासित किया, तो वे यूरोप चले गए थे। वहां रहकर वे आजादी की लड़ाई से जुड़े अपने साथियों को पत्र लिखते रहते थे। इसी दौरान उन्हें एक यूरोपीय प्रकाशक ने ‘द इंडियन स्ट्रगल’ किताब लिखने का काम सौंपा। इसके लिए उन्हें एक सहयोगी की जरूरत महसूस हुई, जिसे अंग्रेजी के साथ-साथ टाइपिंग भी आती हो।
एमिली से मुलाकात के बाद नेताजी के जीवन में आया नाटकीय परिवर्तन
नेताजी के एक साथी ने 23 साल की खूबसूरत ऑस्ट्रियाई युवती एमिली शेंकल से उन्हें मिलवाया। नेताजी ने एमिली को नौकरी पर रख लिया। एमिली ने जून, 1934 से सुभाष चंद्र बोस के साथ काम करना शुरू कर दिया। सुभाष चंद्र बोस के बड़े भाई शरत चंद्र बोस के पोते सुगत बोस ने सुभाष चंद्र बोस के जीवन पर ‘हिज मैजेस्टी अपोनेंट- सुभाष चंद्र बोस एंड इंडियाज स्ट्रगल अगेंस्ट एंपायर’ किताब लिखी है। इसमें उन्होंने लिखा है कि एमिली से मुलाकात के बाद सुभाष के जीवन में नाटकीय परिवर्तन आया। सुगत बोस के मुताबिक इससे पहले सुभाष चंद्र बोस को प्रेम और शादी के कई ऑफर मिले थे, लेकिन उन्होंने किसी में दिलचस्पी नहीं ली थी। मगर एमिली की खूबसूरती ने सुभाष पर मानो जादू सा कर दिया।
दोनों में हुआ प्यार और बाद में कर ली शादी
काम के दौरान ही नेताजी सुभाष चंद्र बोस और एमिली एक-दूसरे के प्रति आकर्षित हुए और दोनों में प्यार हो गया। दो साल बाद नेताजी भारत लौट आए, लेकिन व्यस्तता के बीच समय निकालकर वे एमिली को पत्र लिखते रहते थे। ‘तुम पहली महिला हो, जिससे मैंने प्यार किया। भगवान से यही चाहूंगा कि तुम मेरे जीवन की आखिरी स्त्री भी रहो’। ‘मैंने कभी नहीं सोचा था कि एक महिला का प्यार मुझको बांध भी सकेगा। इससे पहले बहुतों ने मुझे प्यार करने की कोशिश की, लेकिन मैंने किसी की ओर नहीं देखा, पर तुमने मुझे अपना बना ही लिया’। ये लाइनें उन्हीं पत्रों की हैं, जो नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने एमिली के लिए लिखे थे। आजादी के कुछ सालों बाद जब नेताजी के ये पत्र प्रकाशित हुए, तब लोगों को नेताजी के जीवन के इस पहलू के बारे में जानने का मौका मिला। ऐसे कई पत्र हैं, जिनमें एमिली के प्रति नेताजी का अथाह प्रेम झलकता है। नेताजी और एमिली ने बाद में शादी भी कर ली थी, लेकिन उसकी तारीख पर इतिहासकारों के बीच मतभेद है…Next
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