गुजराज विधानसभा चुनाव की चर्चा देशभर में हो रही है। कांग्रेस और भाजपा, दोनों ही पार्टियों ने चुनाव प्रचार में अपनी पूरी ताक झोंक दी है। गुजरात में जीत हासिल कर कांग्रेस अपनी राजनीतिक स्थिति को सुधारने का सपना संजोए है। वहीं, भाजपा चुनाव जीतकर अपनी साख बरकरार रखना चाहती है। दोनों पार्टियां एक-एक विधानसभा सीट पर अपनी नजर गड़ाए हैं। मगर क्या आपको पता है कि गुजरात की एक ऐसी विधानसभा सीट भी है, जहां से जीतने वाले राजनेताओं ने मुख्यमंत्री, राज्यपाल और प्रधानमंत्री पद तक का सफर तय किया है। आइये आपको बताते हैं गुजरात की इस महत्वपूर्ण सीट के बारे में।
वजूभाई ने मोदी के लिए छोड़ी सीट
1985 से लगातार विधायक बन रहे थे। मोदी के लिए वजूभाई वाला ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया और यहां चुनाव जीतकर नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री बन गए।
इस सीट से विधायक बने मुख्यमंत्री
नरेंद्र मोदी ने 2007 में यह सीट खाली कर दी। इसके बाद 2007 और 2012 में वजूभाई यहां से विधायक बने। 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद वजूभाई को कर्नाटक का राज्यपाल बना दिया गया। इसके बाद भाजपा की यह परंपरागत सीट फिर खाली हो गई। इस बार यहां से विजय रुपानी ने चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। 2016 में जब आनंदीबेन पटेल ने मुख्यमंत्री पर से इस्तीफा दे दिया, तब राजकोट पश्चिम सीट के विधायक विजय रुपानी गुजरात के मुख्यमंत्री बने।
इस बार इंद्रनील राजगुरु से मुकाबला
इस बार इस सीट पर भाजपा के विजय रुपानी का मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी इंद्रनील राजगुरु से है। इंद्रनील राजगुरु राजकोट पूर्वी से विधायक हैं। वे गुजरात के सबसे अमीर विधायक माने जाते हैं। भाजपा अपनी परंपरागत सीट पर जीत दर्ज करने को लेकर आश्वस्त है, लेकिन बड़े अंतर से जीत हासिल करने के लिए पार्टी जुटी हुई है। इंद्रनील ने विजय रुपानी को टक्कर देने के लिए ही राजकोट पूर्वी सीट छोड़ी है, जिस बात को भाजपा अच्छी तरह जानती है…Next
Read More:
राजनीति में अभी नहीं आ रहे रजनीकांत, जानें क्यों बनाई है दूरीइवांका ट्रंप: सोने की थाली में खाना और शाही बग्घी में सवारी, जानें कैसे होगी खातिरदारीबाबा रामदेव पर बनेगी बायोपिक, ये मशहूर अभिनेता निभाएगा किरदार!
Read Comments