Menu
blogid : 321 postid : 1368700

‘इंसानियत के नाते राजीव गांधी के हत्यारों को माफ कर दीजिए सोनिया जी’

‘हमें पुरानी कड़वी यादों को भूल जाना है. जख्म भर जाते हैं, लेकिन मायने ये रखता है कि हम उन जख्मों से मन पर पड़ी गांठों को कितना खोल पाते हैं. हम पहले क्या थे, इससे ज्यादा महत्व इस बात का है कि हम अब क्या बनना चाहते हैं. माफ करना बेहद जरुरी है’

कॉर्टून एनिमेशन फिल्म ‘कूफू पांडा-2’ में कुछ इसी बात को कहानी के माध्यम से दिखाया गया है. लेकिन फिल्मों से अलग कई बार असल जिंदगी में कई बातों को स्वीकार करना बेहद मुश्किल होता है. जिन लोगों ने आपसे जिंदगी जीने का जरिया छीना हो, उन लोगों को माफ कर पाना आसान नहीं होता. कुछ ऐसे ही हालातों से सोनिया गांधी को उस वक्त गुजरना पड़ा, जब उन्हें राजीव गांधी के हत्यारों को माफ करने को कहा गया.



क्या है मामला

सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज केटी थॉमस ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी है. राजीव गांधी के हत्यारों को सजा सुनाने वाले सुप्रीम कोर्ट के तीन सदस्यीय बेंच में रिटायर्ड जस्टिस केटी थॉमस भी थे. उन्होंने सोनिया गांधी से अपने पति के हत्यारों की सजा को लेकर उदारता बरतने की अपील की है.




‘राजीव गांधी के हत्यारों को माफ कर दीजिए सोनिया जी’

थॉमस ने चिट्ठी में लिखा है ‘एक जज के तौर पर मेरा ऐसा मानना है कि मुझे इस बारे में आपको कुछ कहना चाहिए, ताकि आप ऐसे केस में उदारता की भावना दिखा सके.’ मेरा मानना है कि भगवान आपसे तभी प्रसन्न होते हैं, जब आप किसी को सजा देने के बजाय उसे माफ कर देते हैं. अगर मैंने आपसे से कुछ गलत कहा हो, तो मैं माफी चाहता हूं.’ थॉमस आगे लिखते हैं ‘मैं जानता हूं आपके लिए ये बहुत मुश्किल होगा, लेकिन एक इंसान होने के नाते, इंसानियत दिखाइए. हो सके तो माफ कर दीजिए उन लोगों को’.


sonia 3


लिट्टे संगठन ने प्लानिंग के साथ हत्या को दिया था अंजाम

21 मई 1991 में तमिलनाडु के श्रीपेंरबदूर में एक धमाके में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की मौत हो गई थी. इस केस में मुरुगन, संथान, पेरारीवालन, नलिनी, रॉबर्ट पायस, जयकुमार और रविचंद्रन को दोषी ठहराया गया था. रॉबर्ट पायस और जयकुमार को मौत की सजा सुनाई गई थी, लेकिन 1999 में सुप्रीम कोर्ट ने दोनों की सजा उम्रकैद में बदल दी. मुरुगन, संथान और पेरारीवालन ने अपनी सजा-ए-मौत को लेकर राष्ट्रपति को दया याचिका भेजी थी. इसपर फैसला लेने में देरी होने पर सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में इन तीनों की मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया.


sonia 2


बहुत मुश्किल है सोनिया के लिए उन्हें माफ करना

21 मई 1991 को राजीव गांधी तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में एक सभा में भाग लेने आए थे. सभा के बीच में लगभग 30 साल की लड़की एक चंदन का हार लेकर राजीव गांधी की तरफ बढ़ी. कुछ ही पलों में धमाका हुआ और राजीव गांधी का शरीर कई टुकड़ों में बंटकर जमीन पर बिखरा हुआ था. बताया जाता है कि हार या लड़की में बम प्लांट किया हुआ था. धमाका इतना जोरदार था कि राजीव गांधी के अलावा उनके कई सुरक्षकर्मी भी मौत के घाट उतर चुके थे. राजीव गांधी की मौत इतनी भयानक थी, कि जिसने भी ये नजारा अपनी आंखों से देखा. वो कई रातों तक सो नहीं पाया था.

इस हमले में राजीव के शव के टुकड़ों को ढूंढ़ना पड़ा था. ऐसे में सोनिया के लिए उन हत्यारों को माफ करना बेहद मुश्किल है, जिन्होंने सोनिया की जिंदगी बदल दी. …Next

Read More:

टीचर पर आया था बिहार के सीएम नीतीश का दिल, की थी इंटरकास्ट मैरिज

कोई खेलता है क्रिकेट तो किसी को पसंद है स्विमिंग, जानें खाली वक्त में क्या करते हैं ये राजनेता

रामनाथ कोविंद या मीरा कुमार जानें कौन करेगा राष्ट्रपति की लग्जरी कार की सवारी, इतने करोड़ है कीमत

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh