फिलीपींस में शुरू हुए दो दिवसीय आसियान शिखर सम्मेलन के भव्य उद्घाटन समारोह में संगीतमय रामायण ने दुनिया भर के नेताओं का मनमोह लिया। संगीतमय रामायण को डोनाल्ड ट्रंप, जापान और चीन के पीए एकटक देखते रहे। कलाकारों ने फिलीपींस के सांस्कृतिक जुड़ाव को बेहद सुन्दरता से पेश किया। आइए जानते हैं क्या है रामायण और फिलीपींस का कनेक्सन।
फिलीपींस और रामायण के बीच क्या रिश्ता है
दस देशों वाले इस संगठन के शिखर सम्मेलन के लिए मनीला पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनाल्ड ट्रंप, चीन के प्रधानमंत्री ली कचांग, जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे और अन्य आसियान देशों के नेताओं ने सांस्कृतिक केंद्र में आयोजित भव्य उद्घाटन समारोह का लुत्फ उठाया लेकिन फिलीपींस और रामायण के बीच क्या रिश्ता है आइए जानते हैं।
रामायण का है बेहद खास रिश्ता
फिलीपींस में रामायण को महारादिया लावना कहते हैं, जिसका अर्थ है ‘राजा रावण’। फिलीपींस का प्रसिद्ध नृत्य ‘सिंगकिल’ भी रामायण पर ही आधारित है। यह फिलीपींस के मरानाओ समुदाय के लोगों का लोकनृत्य है। समारोह में रामायण का मंचन बैले कंपनी राम हरी ने किया और दर्शक दीर्घा में मौजूद सभी लोगों से अपने काम के लिए प्रशंसा बटोरी।
फिलीपींस में हिंदू प्रभाव और लोक कथाएं मशहूर हैं
भारतीय संस्कृति के जानकार जुआन आर. फ्रैंसिस्को और जॉसेफीन अकोस्ता पासरीचा के मुताबिक, 9वीं या 10वीं शताब्दी में फिलीपींस में हिंदू प्रभाव और लोक कथाएं पहुंची थीं। हालांकि, यह पहली बार नहीं जब आसियान सम्मेलन में रामायण का मंचन हुआ हो। बीते साल भी लाओस में हुए आसियान की अर्द्ध वार्षिक बैठक में रामायण का मंचन किया गया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उठाया लुफ्त
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया, ‘बदलाव के लिए साझेदारी, दुनिया को भी शामिल कर रहे हैं।’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर इस मंचन की तारीफ की और रामायण को फिलीपींस में व्यापक स्तर पर प्रसिद्ध बताया।…Next
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