हिमाचल प्रदेश में जैसे-जैसे वोटिंग का तौर नजदीक आता जा रहा है. चुनाव प्रचार जोरों-शोरों से होता हुआ दिखाई दे रहा है. हिमाचल प्रदेश में 7,521 पोलिंग स्टेशन पर 9 नवंबर 2017 को वोटिंग होगी. यहां पहली बार वीवीपीएटी मशीन का इस्तेमाल होगा.
इस खास बात के साथ हिमाचल वासियों की नजरें यहां पर सबसे पुराने वोटर पर टिकी हुई है. श्याम सरन नेगी आजाद भारत के पहले और सबसे बुजुर्ग वोटर हैं. नेगी करीब 16 लोकसभा और 12 विधानसभा चुनावों में अपने मत का इस्तेमाल कर चुके हैं. 101 की उम्र पार चुके नेगी की आंखें कमजोर और शरीर जवाब दे रहा है. लेकिन उन्हें उम्मीद है कि वो आने वाली 9 तारीख को लोकतंत्र में अपनी भागीदारी जरूर सुनिश्चित करेंगे.
1951 में किया था सबसे पहले मतदान
श्याम सरन नेगी का जन्म 1 जुलाई 1917 को हिमाचल प्रदेश के कल्पा में हुआ. वह एक रिटायर्ड स्कूल मास्टर हैं. श्याम सरन नेगी ने 1951 में हुए स्वतंत्र भारत के पहले आम चुनाव में सबसे पहला मतदान किया था. 1947 में ब्रिटिश राज के अंत के बाद देश के पहले चुनाव फरवरी 1952 में हुए लेकिन सर्दी के मौसम में भारी बर्फ़बारी की संभावनाओं की वजह से यहां के मतदाताओं को पांच महीने पहले ही वोट करने का मौका दिया गया था. श्याम सरन नेगी ने 1951 के बाद से हर आम चुनाव में मतदान किया है और उन्हें भारत के सबसे पुराने और पहले मतदाता के रूप में जाना जाता है. श्याम सरन नेगी ने हिमाचल प्रदेश के हर चुनावों में वोट दिया है. इस बार के विधानसभा के चुनाव में श्याम सरन नेगी के वोट डालने के लिए प्रशासन ने भव्य तैयारियां की हैं.
साथ ही श्याम सरन नेगी को चुनाव आयोग ने अपना ब्रांड ऐम्बैसडर भी बनाया है. 2010 में तत्कालीन मुख्य चुनाव आयुक्त नवीन चावला ने गांव आकर उन्हें सम्मानित किया था. हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनावों में इस बार करीब 50 लाख मतदाता हैं. नेगी अपने बिगड़ते स्वास्थय की वजह से इस बार वोट डालेंगे या नहीं, फिलहाल इस पर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं, लेकिन नेगी गांव के सभी मिलने-जुलने वाले लोगों से वोट देने की अपील कर रहे हैं…Next
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