भाजपा सांसद वरुण गांधी पार्टी से अलग राय रखने के कारण एक बार फिर चर्चा में हैं। इस बार उन्होंने रोहिंग्या मुसलमानों को शरण देने के बारे में कहा है। ऐसा पहली बार नहीं है, जब वरुण ने भाजपा से इतर अपनी राय रखी है। इससे पहले भी पार्टी से अलग बयान देने के कारण वे सुर्खियों में रहे हैं। राजनीतिक पंडित यह भी कयास लगा रहे हैं कि वरुण के ये बयान भाजपा से बढ़ती उनकी दूरी की ओर इशारा कर रहे हैं। आइये आपको बताते हैं वरुण के पांच ऐसे बयान, जिस पर उनकी पार्टी के लोग पूरी तरह खिलाफ रहे हैं।
1- सन् 2013 में वरुण गांधी भाजपा के पश्चिम बंगाल के प्रभारी थे। उस समय कोलकाता के परेड ग्राउंड में तब प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की रैली थी। रैली का पूरा प्रबंध वरुण ने ही किया था। पश्चिम बंगाल में भाजपा के जनाधार के हिसाब से अच्छी रैली हुई थी, लेकिन वरुण ने अगले दिन अखबार वालों से कहा कि रैली विफल रही। बस यहीं से भाजपा और वरुण गांधी के रिश्तों में कड़वाहट की शुरुआत हुई।
2- सन् 2014 में सुल्तानपुर लोकसभा सीट से वरुण चुनाव लड़ने गए, तो पीलीभीत से अपने कार्यकर्ताओं को साथ ले गए। स्थानीय भाजपा नेताओं को कोई भाव नहीं दिया। इसके अलावा उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र में किसी भी भाजपा नेता को प्रचार नहीं करने दिया। चुनाव प्रचार के दौरान एक दिन वरुण जब मंच से बोल रहे थे, तो मोदी-मोदी के नारे लगने लगे। इस पर उन्होंने मंच से ही डांटा कि मोदी-मोदी क्या है? इसके बाद जब अमित शाह अध्यक्ष बने, तो उन्हें पार्टी के महासचिव पद से हटा दिया गया।
3- फरवरी 2015 में वरुण गांधी एक बार फिर अपने बयानों की वजह से चर्चा में आए। कानपुर के एक कार्यक्रम में वरुण गांधी ने कहा कि दूसरों दलों की तुलना में भाजपा में युवाओं को आने का मौका कम मिलता है। इस बयान को मोदी की युवा नीति के खिलाफ माना गया।
4- कभी मुख्यमंत्री पद के दावेदार माने जा रहे वरुण को यूपी में तवज्जो नहीं मिलने के बाद फरवरी 2017 में इंदौर में उन्होंने अपनी भड़ास निकाली। इंदौर में आयोजित एक कार्यक्रम में वरुण ने सिस्टम पर हमला बोला। उन्होंने सिस्टम पर अल्पसंख्यकों के विकास में फेल होने का आरोप भी लगाया। वरुण गांधी ने इस कार्यक्रम में रोहित वेमुला के सुसाइड का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि रोहित वेमुला का सुसाइड नोट पढ़कर उन्हें रोना आ गया। किसानों की आत्महत्या के मुद्दे पर कहा कि देश में कर्ज वसूली में भेदभाव किया जा रहा है। अमीरों को तो रियायत दे दी जाती है, लेकिन गरीब को जान देनी पड़ती है।
5- इस बार वरुण गांधी रोहिंग्या शरणार्थियों को शरण देने के संबंध में लिखे अपने एक लेख को लेकर चर्चा में हैं। एक अखबार में लिखे आर्टिकल में सुल्तानपुर से बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने लिखा था कि आतिथ्य सत्कार और शरण देने की अपनी परंपरा का पालन करते हुए हमें शरण देना निश्चित रूप से जारी रखना चाहिए। जिन इलाकों में बड़ी संख्या में शरणार्थी हों, वहां तनाव और भेदभाव कम करने के लिए स्थानीय निकायों को आगे बढ़कर मकान मालिकों और स्थानीय एसोसिएशन को इनके प्रति संवेदनशील बनाने के लिए कदम उठाने चाहिए। हमें म्यांमारी रोहिंग्या शरणार्थियों को शरण जरूर देनी चाहिए, लेकिन इससे पहले वैध सुरक्षा चिंताओं का आकलन भी करना चाहिए। बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री हंसराज अहीर ने उनके इस बयान की आलोचना की है…Next
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