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दिग्विजय सिंह से लेकर ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया तक, ये हैं राजपरिवार के राजनेता

देश में राजाओं-महाराजाओं का युग समाप्‍त होने के बाद कई ऐसे राजपरिवार हैं, जिन्‍होंने राजनीति में भी अपनी पहचान बनाई। इन्‍होंने जतना के बीच जाकर वोट मांगा और जनता ने भी अपने राजा की अगली पीढ़ी का जमकर साथ दिया। इनमें राजस्‍थान और मध्‍यप्रदेश के राजपरिवार से संबंध रखने वाले शामिल हैं। आइये आपको बताते हैं राजपरिवार के उन राजनेताओं के बारे में, जिनकी पहचान राजपरिवार की वजह से कम और उनकी राजनीति की वजह से ज्‍यादा है।


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दिग्विजय सिंह


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देश की राजनीति में दिग्विजय सिंह एक जाना-पहचाना नाम हैं। कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता और राज्‍यसभा सदस्‍य दिग्विजय सिंह मध्‍यप्रदेश के मुख्‍यमंत्री भी रहे चुके हैं। दिग्विजय का जन्‍म राघोगढ़ के राज परिवार में हुआ था। इनके पिता बालभद्र सिंह राघोगढ़ के राजा थे। राघोगढ़ को अब मध्‍यप्रदेश के गुना जिले के नाम से जाना जाता है।


वसुंधरा राजे


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राजस्‍थान की पहली महिला मुख्‍यमंत्री वसुंधरा राजे मध्‍यप्रदेश के ग्वालियर राजघराने की बेटी हैं। इनके पिता जीवाजीराव सिन्धिया ग्‍वालियर के महाराजा था। वसुंधरा का विवाह धौलपुर के जाट राजघराने में हुआ है।


ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया


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कांग्रेस पार्टी के कद्दावर नेता और सांसद ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया भी ग्‍वालियर राजघराने से हैं। ज्‍योतिरादित्‍य ग्‍वालियर के महाराजा जीवाजीराव सिंधिया के पोते हैं। इनके पिता माधवराव सिंधिया कांग्रेस पार्टी के दिग्‍गज नेता थे, वे 1991-93 तक केंद्रीय मंत्री भी थे।


दुष्‍यंत सिंह


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वसुंधरा राजे के पुत्र दुष्‍यंत सिंह राजस्‍थान के झालावाड़-बारां लोकसभा क्षेत्र से भाजपा सांसद हैं। इनके पिता धौलपुर के नामित राजा हेमंत सिंह हैं। दुष्‍यंत सांसद के साथ-साथ एक बिजनेसमैन भी हैं।


चंद्रेश कुमारी


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कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री चंद्रेश कुमारी जोधपुर राजघराने की बेटी हैं। इनके पिता हनवंत सिंह जोधपुर के महाराजा थे। इनका विवाह हिमाचल प्रदेश में कांगड़ा के राजपरिवार में हुआ है। चंद्रेश लोकसभा सांसद और राज्‍यसभा सदस्‍य भी रह चुकी हैं।


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