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‘कांग्रेसी परिवार’ की निर्मला का भाजपा की तरफ शुरू से था झुकाव, जानें रक्षामंत्री के बारे में खास बातें

निर्मला सीतारमण रविवार को देश की पहली महिला पूर्णकालिक रक्षा मंत्री बनीं। वहीं, रक्षा मंत्रालय का कार्यभार संभालने वाली दूसरी महिला बनीं। इससे पहले 1970 के दशक में इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री रहने के साथ इस अहम मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल चुकी हैं। रक्षा मंत्री के तौर पर उनके समक्ष तीनों बलों के आधुनिकीकरण की प्रक्रिया तेज़ करने की चुनौती है। कर्नाटक से राज्‍यसभा सदस्‍य निर्मला अभी तक उद्योग एवं वाणिज्य मंत्रालय का प्रभार राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार के रूप में संभाल रही थीं। कैबिनेट मंत्री के रूप में यह उनकी पदोन्‍नति है। आइये जानते हैं कौन हैं निर्मला सीतारमण।


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निर्मला सीतारमण का जन्म 18 अगस्त 1959 को तमिलनाडु के मदुरै में नारायण सीतारमण के घर हुआ था। उन्होंने तिरुचिरापल्‍ली स्थित सीतालक्ष्मी रामास्वामी कॉलेज से बीए किया। सन् 1980 में उन्होंने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) से एमए, इसके बाद अंतरराष्ट्रीय अध्‍ययन में एमफिल की डिग्री हासिल की।


निर्मला ने प्राइसवॉटरहाउस कूपर्स में बतौर सीनियर मैनेजर काम किया। इसके बाद उन्होंने बीबीसी वर्ल्ड सर्विस में अपनी सेवाएं दी। वे हैदराबाद स्थित प्रणव स्कूल के फाउंडिग डायरेक्टर्स में शामिल हैं। निर्मला सीतामरण 2003 से 2005 तक राष्‍ट्रीय महिला आयोग की सदस्य भी रह चुकी हैं।


सन् 2006 में इन्‍होंने बीजेपी ज्‍वॉइन की। सन् 2014 में वे नरेंद्र मोदी के मंत्रालय का हिस्सा बनीं। इससे पहले वे बीजेपी के उन 6 प्रवक्ताओं में से एक थीं, जिनमें रविशंकर प्रसाद भी शामिल थे।


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इनके पति पराकाला प्रभाकर आंध्र प्रदेश के रहने वाले हैं। इनकी मुलाकात पराकाला प्रभाकर से उस समय हुई थी, जब वे जेएनयू में पढ़ाई कर रही थीं। जहां निर्मला सीतारमण का झुकाव बीजेपी की तरफ था, वहीं उनके पति का परिवार कांग्रेसी था। उनकी सास आंध्र प्रदेश से कांग्रेस की विधायक थीं, जबकि उनके ससुर 1970 में आंध्र प्रदेश में कांग्रेस की सरकार में मंत्री थे।


निर्मला सीतारमण के पति डॉक्टर पराकाला प्रभाकर 2000 के शुरुआती दशक में बीजेपी की आंध्र प्रदेश इकाई के प्रवक्ता थे। इस दौरान निर्मला सीतारमण भी धीरे-धीरे बीजेपी में लोकप्रियता हासिल करती गईं। इसके बाद नितिन गडकरी के बीजेपी अध्यक्ष रहने के दौरान वर्ष 2010 में उन्हें बीजेपी का प्रवक्ता चुना गया।


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बीजेपी के प्रवक्ताओं के रूप में निर्मला सीतारमण अक्सर टीवी चैनलों पर नजर आने लगीं और वे दिल्ली से ज्यादा गुजरात में मशहूर हो गईं। साल 2014 में हुए लोकसभा चुनावों के दौरान प्रवक्ताओं के रूप में निर्मला का काफी अहम रोल रहा। ऐसे में चुनावों से पहले ही यह माना जाने लगा था कि अगर एनडीए की सरकार बनती है तो निर्मला मोदी कैबिनेट का हिस्सा जरूर बनेंगी।


26 मई 2014 को निर्मला सीतारमण वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनीं। इसके अलावा वे वित्त और कॉरपोरट अफेयर्स की राज्य मंत्री भी रहीं, जो वित्त मंत्री अरुण जेटली के अंतर्गत आता है। इसके बाद वे आंध्र प्रदेश के राज्यसभा उप-चुनावों में उतरीं और इसमें उन्हें विजय हासिल हुई। जून 2016 में निर्मला सीतारमण फिर आंध्रप्रदेश से राज्‍यसभा सदस्‍य चुनी गईं।


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