Menu
blogid : 321 postid : 1342446

पाकिस्तान को टॉस में हराकर भारत ने जीती थी सोने से सजी राष्ट्रपति की बग्घी, आज भी होती है इस्तेमाल

भारत के नए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कल (मंगलवार) अपना कार्यभार ग्रहण कर लिया। राष्ट्रपति का पद भारत में सबसे ऊंचा होता है। लोग भले ही आज रफ्तार भरी गाड़ियों में घूमने का शौक रखते हों, लेकिन राष्ट्रपति की शान वाली सवारी बग्घी की बात ही अलग है। इस बग्घी में जितना सोना लगा है, उससे महंगी से महंगी कार खरीदी जा सकती है। तो चलिए जानते हैं इस खास बग्घी के बार में कुछ रोचक बातें.

cover president buggy


बेहद रोचक है इस बग्घी की कहानी

दर्शती है। ये बग्घी आजादी की लड़ाई की कहानी बयां करती हैं। आप ये जानकर हैरान रह जाएंगे कि आजादी के बाद भारत और पाकिस्तान दोनों ने बग्घी पर दावा किया था, जिसका फैसला टॉस करके किया गया।


president of india



टॉस में भारत ने जीती थी बग्घी

आजादी के वक्त जब भारत के दो हिस्से हुए, तो उस वक्त इस शाही बग्घी को लेकर काफी विवाद हुआ। भारत और पाकिस्तान दोनों ही देशों ने इस बग्घी पर अपना दावा जताया। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये था कि आखिर ये शाही बग्घी किसे दिया जाए। इसे बांटने का एक अनोखा तरीका खोजा गया। इसके लिए वायसराय की अंगरक्षक टुकड़ी के तत्कालीन हिंदू कमांडेंट और मुस्लिम डिप्टी कमांडेंट के बीच सिक्का उछालकर टॉस किया गया। टॉस में भारत की जीत हुई और ये बग्घी हमेशा-हमेशा के लिए भारत को मिल गई।


buggy



राजेंद्र बाबू से लेकर प्रणब दा तक ने की है सवारी

आजादी से पहले वायसराय और आजादी के बाद के कई साल तक देश के राष्ट्रपति इस शाही बग्घी की सवारी करते आए हैं। इस फेहरिस्त में देश के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र बाबू से लेकर प्रणब दा तक का नाम शामिल है। भारत में संविधान लागू होने के बाद 1950 में हुए पहले गणतंत्र दिवस समारोह में देश के पहले राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद बग्घी पर ही सवार होकर गणतंत्र दिवस समारोह में पहुंचे थे।


buggy


बग्घी को खींचते हैं 6  घोड़े

सजी-धजी इस बग्घी के दोनों ओर भारत का राष्ट्रीय चिह्न सोने से अंकित है। इसे खींचने के लिए 6 घोड़ों का इस्तेमाल किया जाता है। ये घोड़े भी विशेष नस्ल के होते हैं। इसके लिए खासतौर से भारतीय और ऑस्ट्रेलियाई मिक्स्‍ड ब्रीड के घोड़ों का इस्तेमाल किया जाता है…Next


Read More:

सीएम जो खुद को चोर कहता था लेकिन मरने के बाद अकांउट से निकले सिर्फ 10 हजार, पंडित नेहरू से बढ़कर था जलवा

परचून की दुकान चलाते थे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पिता, 6 किलोमीटर चलकर जाते थे स्कूल

रिटायरमेंट के बाद भी रहेगी प्रणब मुखर्जी की ठाट, मिलेगी इतनी सैलेरी और शानदार लाइफस्टाइल

सीएम जो खुद को चोर कहता था लेकिन मरने के बाद अकांउट से निकले सिर्फ 10 हजार, पंडित नेहरू से बढ़कर था जलवा
परचून की दुकान चलाते थे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पिता, 6 किलोमीटर चलकर जाते थे स्कूल
रिटायरमेंट के बाद भी रहेगी प्रणब मुखर्जी की ठाट, मिलेगी इतनी सैलेरी और शानदार लाइफस्टाइल

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh