सीपीईसी है क्या? और भारत इससे क्यों चिंतित है. तो जनाब हम आपको बता दें कि सीपीईसी – चीन-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर है. जैसा कि हम सब अच्छे से जानते हैं कि चीन और पाकिस्तान के बीच घनिष्ट मित्रता है और इन दोनों पड़ोसी देशों ने अनेक वैश्विक घटनाक्रमों तथा व्यापार संबंधी मुद्दों पर एक-दूसरे का साथ देने के प्रयोजन से एक गठबंधन किया, जिसको सफल बनाने के लिए दोनों देशों ने एक बड़ा पूँजी निवेश किया है. दोनों देशों की आर्थिक, व्यावसायिक तथा सुरक्षा स्थिति को सुधारना सीपीईसी का मुख्य उद्देश्य है. तो आज हम आपको इस प्रोजेक्ट के उन तथ्यों से अवगत कराएँगे, जिनके बारे में दुनिया के बहुत काम लोग जानते हैं.
सीपीईसी का मुख्य लक्ष्य है. जिसमें दोनों देशो के बीच हाइवे, रेल लाइन और पाइप लाइन बिछायी जायेंगी.
2. वर्तमान समय में ‘ग्वादर’ बलूचिस्तान की सीमा में स्तिथ पाकिस्तान का एक हिस्सा है. अब ग्वादर को भविष्य में एक विश्व के लिए एक व्यापर केंद्र के रूप में परिवर्तित करना इस योजना का एक अंग है.
3. इस समय विश्व के सभी देशों के लिए दुबई पोर्ट आकर्षण का केंद्र है और चीन-पाकिस्तान अपने मिलेजुले प्रयासों से ‘ग्वादर’ को व्यापार केंद्र बिंदु बनाकर दुनियाँ के तमाम देशों को अपने साथ जोड़ना चाहते हैं .
सीपीईसी रोड मैप के जरिये 12,000 किलोमीटर की दूरी को कम हो जायेगी और महीनों में होने वाली सप्लाई कुछ दिनों में सम्भव हो सकेगी.
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सीपीईसी के जरिये तुरंत एक दूसरे को सेना सहयोग प्रदान करने में सक्षम होंगे.
सीपीईसी के लाभकारी पहलुओं को देखते हुए अनेक देश इस योजना में जुड़ने को तत्पर हैं जो आने वाले समय में शक्तिशाली देशों के लिए प्रतिद्वंदी बनकर सामने आ सकते हैं. सरल शब्दों सीपीईसी गठबंधन भविष्य में भारत और अन्य देशों के अपना वर्चस्व बनाये रखने की चुनौती खड़ी कर सकता है…Next
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