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14 साल की उम्र में इस वजह से जेल गए थे मुलायम, इस महिला नेता ने भी लगाए थे गंभीर आरोप

‘धरप‘धरती पुत्र‘ के नाम से मशहूर मुलायम सिंह यादव का आज जन्‍मदिन है. वैसे तो मुलायम सिंह यादव का शाही जन्म दिन चर्चा का केंद्र रहता है लेकिन इसबार मुलायम सिंह यादव ने खुद कानपुर में हुए रेल हादसे की वजह से अपना जन्मदिन नहीं मनाने का फैसला लिया है. राजनीति के सफर में कई उतार-चढ़ाव देख चुके नेताजी के जन्‍मदिन के इस मौके पर आइए जानते हैं उनसे कुछ ऐसी बातें जो हर बार बनी अखबार की सुर्खियां.

‘धरती पुत्र‘ के नाम से मशहूर मुलायम सिंह यादव का आज जन्‍मदिन है. वैसे तो मुलायम सिंह यादव का शाही जन्मदिन चर्चा का केंद्र रहता है लेकिन इस बार मुलायम सिंह यादव ने खुद कानपुर में हुए रेल हादसे की वजह से अपना जन्मदिन नहीं मनाने का फैसला लिया है. राजनीति के सफर में कई उतार-चढ़ाव देख चुके नेताजी के जन्‍मदिन के इस मौके पर आइए जानते हैं उनसे जुड़ी कुछ ऐसी बातें जो हर बार बनी अखबार की सुर्खियां.


mulayam singh


14 साल में जेल गए थे मुलायम

14 साल में पहली बार जेल गए मुलायम 14 साल की उम्र में ही मुलायम के राजनीतिक तेवर उस वक्त देखने को मिल गए थे, जब उन्होंने राम मनोहर लोहिया के आह्वान पर ‘नहर रेट आंदोलन’ में भाग लिया और पहली बार जेल गए.



28 साल की उम्र में मिला टिकट

मुलायम सिंह यादव का जन्म  मुलायम सिंह यादव का जन्म ग्राम सैफई जिला इटावा में 22 नवम्बर 1939 को एक किसान परिवार में हुआ. वह जैन इन्टर कालेज करहल मैनपुरी में प्रवक्ता भी रहे. 28 साल की उम्र में 1967 में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर पहली बार जसवंत नगर क्षेत्र से विधानसभा सदस्य चुने गए.



जब मुलायम ने कबूली दूसरी शादी की बात

मुलायम जब राजनीति के शिखर पर थे, उस वक्त उनकी जिंदगी में साधना गुप्ता का आगमन हुआ. मुलायम से साधना करीब 20 साल छोटी थी. अपनी पहली पत्नी की मौत के बाद मुलायम ने दूसरी शादी की बात मानी थी. इस शादी से उन्हें एक बेटा प्रतीक है जो यादव परिवार के साथ ही रहता है.


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मुलायम पर लगा गंभीर आरोप

1993 के यूपी चुनाव में बसपा और सपा में गठबंधन हुआ था, जिसकी बाद में जीत हुई. मुलायम सिंह यूपी के सीएम बने. लेकिन आपसी खींचतान के चलते 2 जून, 1995 को बसपा ने सरकार से समर्थन वापसी की घोषणा कर दी. इससे मुलायम सिंह की सरकार अल्पमत में आ गई और इसी के बाद मुलायम की पार्टी पर आरोप लगा कि उन्होंने मायावती की जान लेने की कोशिश की है.


maya mulayam

क्या है ‘गेस्ट हाउस कांड’

बसपा ने सरकार से समर्थन वापसी ले लिया था, इसके बाद नाराज सपा के कार्यकर्ता एमपी और एमएलए के नेतृत्व में, लखनऊ के मीराबाई मार्ग स्थित स्टेट गेस्ट हाउस पहुंचकर उसे घेर लिया. यहां बसपा सुप्रीमो मायावती कमरा नंबर- 1 में रुकी हुईं थीं. उनके साथ बसपा के एमएलए और कार्यकर्ता भी मौजूद थे. मायावती के ऊपर लिखी किताब ‘बहनजी’ में कहा गया है कि उन्होंने अपने आप को बचाने के लिए कमरे का दरवाजा अंदर से बंद कर लिया था.


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सपा कार्यकर्ता तोड़ने लगे दरवाजे का कमरा

किताब ‘बहनजी’ में कहा गया है कि सपा के कार्यकर्ता समर्थन वापसी से इतने नाराज थे कि वे गेस्ट हाउस में आग लगाने की तैयारी से आए थे. उन्होंने जब देखा कि मायावती ने कमरा अंदर से बंद कर लिया है तो, वे गेस्ट हाउस का दरवाजा तोड़ने की कोशिश करने लगे.


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दर्ज हुए तीन मुकदमे

गेस्टहाउस कांड मामले में हजरतगंज कोतवाली में तीन मुकदमे दर्ज हुए. इस मामले में सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव, उनके छोटे भाई शिवपाल यादव, सपा के वरिष्ठ नेता धनीराम वर्मा, आजम खान, बेनी प्रसाद वर्मा जैसे नेताओंं का नाम आया…Next


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