आजादी के बाद ऐसे तीन नेता हुए हैं जिनकी नेतृत्व क्षमता एक प्रचंड बहुमत के रूप में तब्दील हुई. प्रथम जवाहर लाल, द्वितीय इंदिरा गांधी और तीसरे वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. चुनाव में सालों बाद इस तरह की नेतृत्व क्षमता देखने को मिली जिसका नतीजा हमारे सामने है. आज नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री के रूप में पूरी सक्रियता के साथ काम कर रहे हैं. लेकिन जिस नरेंद्र मोदी को आज हम देख रहे हैं असल में यह कोई दो या तीन साल का परिश्रम नहीं है बल्कि सालों की कठोर मेहनत है. आइए कुछ अनोखे तस्वीर के जरिए उनके परिश्रम को समझते हैं:
1975 में आपातकाल के दौरान नरेंद्र मोदी एक सिख की भूमिका में
1980 में साधारण से दिखते मोदी
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1985 में माउंट कैलाश की यात्रा के दौरान मोदी
1985 में माउंट कैलाश की यात्रा के दौरान मोदी
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अहमदाबाद में बीजेपी की रैली में मोदी
देखिए बिना दाढ़ी कैसे लगते हैं मोदी (1990)
1990 में अपनी मां से आशीर्वाद लेते नरेंद्र मोदी
1992 में भारतीय झंडे के साथ मोदी
मोदी के चुनावी प्रचार में इन ‘पांच तत्वों’ का अहम रोल
कारगिल युद्ध में जवानों के साथ नरेंद्र मोदी (1999)
कारगिल में मोदी
कारगिल में घायल जवान से मिलते मोदी
1997 में गुजरात में नरेंद्र मोदी का स्वागत करने के लिए उमड़ी भीड़
2001 में मुस्लिम नेताओं के साथ प्रचार करते हुए नरेंद्र मोदी
आरएसएस ऑफिस में झाडू लगाते हुए
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