जनता के सेंस ऑफ ह्यूमर का तो कोई जवाब ही नहीं. सीरियस से सीरियस मैटर को भी हंसी का पात्र बनाने में जनता कोई कसर नहीं छोड़ती. अब आप खुद ही बताइए आज की तारीख में राजनीति से ज्यादा गंभीर विषय और हो भी क्या सकता है. मिशन 2014 के लिए सभी राजनीतिक पार्टियों और उनके कर्णधारों ने खुद को तैयार कर लिया है और इसके साथ ही जनता ने भी उन सभी लोगों को अपने मनोरंजन का साधन बनाने के लिए अपनी कमर कस ली है जो चुनाव से पहले बड़े-बड़े वायदे करके मैदान में उतर चुके हैं. वैसे भी जबसे सोशल नेटवर्किंग साइटों की लोकप्रियता बढ़ने लगी है तबसे जनता की ऐसी सीक्रेट डिजायर्स हिलोरे मारने लगी हैं. किसी को पप्पू का नाम देकर फेसबुक, ट्विटर जैसी सोशल नेटवर्किंग साइटों पर पॉप्यूलर किया जा रहा है तो कोई फेंकू और धरना स्पेशलिस्ट के उपनाम ग्रहण कर चुका है.
आजकल सोशल नेटवर्किंग साइटों पर इन्हीं स्पेशल कैरेक्टर्स से संबंधित कुछ बेहद मजेदार स्टफ्स पोस्ट की जा रही हैं. चलिए दिखाते हैं आपको इसकी एक झलक:
केजरीवाल की ईमानदारी की मिसाल कुछ इस तरह दी जा रही है:
कुछ खुद की मेहरबानी से तो कुछ जनता के लाड-प्यार की वजह से अरविंद केजरीवाल हीरो बन चुके हैं:
मुख्यमंत्री बनने से पहले धरना स्पेशलिस्ट अरविंद केजरीवाल जब धरना देने पहुंचते थे तब तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित उनके पीछे डंडा लिए चलती थीं, पर केजरीवाल कहां किसी से डरते हैं:
संस्कारों का पर्याय बन चुके टी.वी. एक्टर आलोकनाथ भी नैतिक शिक्षा ग्रहण करने के लिए अरविंद केजरीवाल के पास आते हैं:
अब बात सोशल नेटवर्किंग साइटों पर फेंकू के नाम से लोकप्रिय भाजपा के प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी नरेंद मोदी उर्फ नमो-नमो की. आपको बता दें कि 2 जनवरी, 2014 को फेसबुक पर ‘फेंकू मैन’ नाम का एक पेज बना था और तब से लेकर अब तक इस पेज पर बड़ी ही मजेदार तस्वीरें अपलोड की जा रही हैं. भाजपा और नरेंद्र मोदी के चाहने वालों को इन तस्वीरों को देखकर गुस्सा तो आएगा लेकिन उलटी गिनती गिनकर गुस्सा शांत करने के अलावा और कोई ऑप्शन भी नहीं है:
नरेंद्र मोदी को झूठा और फेंकू मानने वालों की ये पिक्चर फेवरेट हो सकती है:
चुनावी वायदों की उम्र बहुत छोटी होती है और यह तस्वीर देखकर आप इसे आसानी से समझ सकते हैं:
मोदी के प्रतिद्वंदी उन्हें कमतर दिखाने और अपनी बात को साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ते, पर इस बात से नमो-नमो को कहां कोई फर्क पड़ता है:
नमो-नमो द्वारा दिए गए आंकड़ों की तो बात ही ना की जाए तो बेहतर है:
अब बात अमूल बेबी जिन्हें प्यार से लोग पप्पू बुलाने लगे हैं, कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी की. इनके चाहने वालों की तो जैसे कोई कमी ही नहीं है.
फेंकू और पप्पू की इस जंग में कौन जीतेगा यह बस कुछ ही समय में पता चल जाएगा:
पप्पू का अपनी मॉम यानि सोनिया गांधी के प्रति प्यार ना कभी कम हुआ है और ना ही कभी कम होगा, जनता को भी इस प्यार को प्रचारित करने में बहुत मजा आ रहा है.
राहुल गांधी की स्पीच, उनका भाषण सुनना जनता को बहुत पसंद है. फ्री का मनोरंजन जो हो जाता है:
नोट: उपर्युक्त कंटेट पूर्ण रूप से विभिन्न साइटों पर चल रही गतिविधियों पर आधारित है.
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