अगर इसे जेठमलानी के कारनामें, जेठमलानी के अनोखे किस्से, जेठमलानी के चर्चित कारनामें आदि-आदि नाम देकर याद करें तो थोड़ा हास्यास्पद लग सकता है..लेकिन…लेकिन गलत नहीं होगा. राजीव गांधी के हत्यारों की फांसी की सजा उम्रकैद में बदलवाने वाले राम जेठमलानी शायद आज क्रिमिनल केस में ‘मोस्ट वांटेड वकील’ होंगे.
हैरानी की बात यह नहीं है कि जेठमलानी ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारों की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलवाया बल्कि हैरानी की बात यह है कि क्रिमिनल केस के नामी वकील जेठमलानी ने अपने वकालत के कॅरियर में जितने भी मुकदमे लड़े सभी बड़े और चर्चित अपराधों में अपराधियों की तरफ से लड़े हैं.
एक नजर जेठमलानी के सबसे अधिक चर्चित मुकदमों पर
-अफजल गुरु
-जेसिका लाल मर्डर
-आसाराम
-राजीव गांधी हत्याकांड
अन्य चर्चित
-मद्रास हाइकोर्ट राजीव गांधी के हत्यारों की फांसी की सजा में बचाव
-स्मग्लिंग: स्टॉक मार्केट स्कैम केस में हर्षद मेहता और केतन पारेख के बचाव पक्ष से वकील और 1960 के दशक में लगातार कई स्मग्लिंग के मुकदमे लड़े और ‘स्मग्लर्स के वकील’ के रूप में चर्चित हुए..
-इंदिरा गांधी के हत्यारों के बचाव पक्ष के वकील रहे
-अंडरवर्ल्ड डॉन हाजी मस्तान के वकील
-अफजल गुरु की फांसी के खिलाफ केस लड़ा
-हवाला मामले में लाल कृष्ण आडवाणी का बचाव
-जेसिका लाल मर्डर केस में मनु शर्मा का बचाव
-शोहराबुद्दीन फेक एनकाउंटर केस में अमित शाह के बचाव पक्ष के वकील
-रामावतार जग्गी मर्डर केस में अमित जोगी के बचाव पक्ष के वकील
-2जी स्कैम केस में कनिमोझी का डिफेंस
-राजीव गांधी की हत्या के आरोपी ए.जी. पेरारिवलन, टी सुथेंद्रराजा एलिआस संथम और श्रीहरन एलियास मुरुगन का केस
-रामलीला मैदान केस में रामदेव के बचाव पक्ष के वकील्
-सीपीआई विधायक कृष्णा देसाई मर्डर में शिवसेना का बचाव
-आसाराम बापू का बचाव
-लालू प्रसाद यादव का केस
17 साल में वकालत पास करने वाले और वकालत से अलग पॉलिटिक्स में भी विवादास्पद रहे राम जेठमलानी का पूरा कॅरियर विवादास्पद रहा है. बहुत कम लोग जानते हैं कि जेठमलानी ने करांची से अपनी वकालत की प्रैक्टिस शुरू की थी और विभाजन के बाद मुंबई आए थे. यहां आकर उन्होंने वकालत में नाम भी बहुत कमाया लेकिन हमेशा विवादित रहे.
जेठमलानी: एक नजर
-17 साल में वकालत पास की
-विभाजन के बाद मुंबई आए
-क्रिमिनल केस के बड़े वकील बने लेकिन जितने भी केस लड़े अधिकांश बड़े अपराधियों के पक्ष से
सबसे बड़ी बात यह है कि ये सारे मुकदमे भारतीय मीडिया और कई तो अंतरराष्ट्रीय मीडिया में भी चर्चित रहे. सामाजिक रूप में इन मुकदमों में शामिल अपराधियों की जमकर निंदा हुई और उससे कहीं ज्यादा उनका केस लड़ने के लिए जेठमलानी आलोचना के शिकार हुए.
सिर्फ अपराधियों का केस क्यों लड़ते हैं?
कुछ लोग इसे जेठमलानी का लोकप्रियता कमाने का तरीका बताते हैं लेकिन जेठमलानी इसके पीछे कारण अपना आजाद खयाल होना मानते हैं. अफजल गुरु के बचाव का केस लड़ने के दौरान जब उनसे एक आतंकी के बचाव का कारण पूछा गया तो उनका जवाब था, “एक आतंकी को मौत की सजा देने की बजाय जिंदा रहने की सजा मिलनी चाहिए.”
अब तक के अपने क्रिमिनल केसों के रिकॉर्ड में अपराधियों की ओर से लड़कर जेठमलानी कभी भले ही चर्चा में रहे, भले ही आलोचनाओं का शिकार बने लेकिन शातिर अपराधियों के लिए उनके रास्ते मसीहा के रास्तों से कम नहीं. हां, गांधी परिवार के लिए अगर पर्सनल देखा जाए तो ये उनके सबसे बड़े दुश्मन नजर आएंगे.
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