तेलंगाना का मुद्दा संसद में उग्र रूप में दिखा. तेलंगाना के विरोध में सोमवार को लोकसभा और संसद परिसर में गाली-गलौज तक की नौबत आ गई. दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे सांसद संदीप दीक्षित ने सारी मर्यादा भूल तेदेपा सांसदों को धमकी तक दे डाली, ‘देखता हूं कैसे दिल्ली में रहते हो.’ दीक्षित की इस धमकी के खिलाफ पूरा विपक्ष एकजुट हो गया. हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित करनी पड़ी. लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार से इसकी शिकायत भी की गई है.
इससे पहले लोकसभा अध्यक्ष ने अलग तेलंगाना के विरोध में सदन की कार्यवाही में लगातार बाधा डाल रहे आंध्र प्रदेश के नौ सांसदों को शेष सत्र के लिए निलंबित कर दिया. लोकसभा अध्यक्ष ने संसदीय कार्यवाही के नियम 374 के तहत तेदेपा के चार और कांग्रेस के पांच सांसदों का नाम लिया. इस नियम के तहत अध्यक्ष जिन सदस्यों का नाम लेता है वे स्वत: लोकसभा की लगातार पांच बैठकों या फिर पांच दिन से कम सदन की जितनी भी बैठकें बची हों, उसके लिए निलंबित हो जाते हैं.
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सदन की कार्यवाही कुछ देर के लिए स्थगित होने के बाद कांग्रेस सांसद संदीप दीक्षित व मधु याक्षी गौड़ और निलंबित सांसदों के बीच कहा-सुनी शुरू हो गई. दीक्षित और याक्षी सबसे ज्यादा नाराज तेदेपा सांसद शिवप्रसाद से थे, जिन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का मुखौटा लगाया था. आरोप है कि दीक्षित और याक्षी ने तेदेपा सांसदों को भद्दी गालियां दीं. भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि संदीप दीक्षित और मधु याक्षी ने गाली-गलौज कर न केवल इन सांसदों का अपमान किया बल्कि संसद की गरिमा को भी ठेस पहुंचाई. शाहनवाज ने नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज को इस मामले से अवगत कराया. सुषमा ने पूरे घटनाक्रम की शिकायत लोकसभा अध्यक्ष से की है.
दीक्षित ने आरोपों को गलत बताते हुए कहा, ‘हमने तेदेपा सांसदों से इतना ही कहा था कि हंगामा क्यों करते हो, सदन से बाहर आकर बातचीत कर लो. इस पर उन लोगों ने हमें गालियां देनी शुरू कर दीं.’ बहरहाल, संसद की कार्यवाही दो बजे जब फिर शुरू हुई तो विपक्ष ने दीक्षित और याक्षी के बर्ताव के खिलाफ हंगामा कर कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित करा दी.
साभार : jagran.com
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