कोलगेट रिपोर्ट को साझा किए जाने को लेकर सोमवार को सीबीआई द्वारा सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में दाखिल दूसरे हलफनामे पर आज कोर्ट ने सुनवाई कर केंद्रीय जांच एजेंसी(CBI) को फिर कड़ी फटकार लगाई. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट की हिदायत के बावजूद कोलगेट रिपोर्ट (Coalgate Report) को पीएमो (PMO), कानून मंत्री अश्विनी कुमार (Ashwani Kumar) और अन्य से साझा करने पर कोर्ट ने सीबीआई से पूछा था कि जांच रिपोर्ट में क्या बदलाव किए गए थे और किसके द्वारा किए गए थे. इसी बावत दायर अपने दूसरे हलफनामे में सीबीआई ने बिना शर्त माफी मांगते हुए स्वीकार किया था कि कानून मंत्री अश्विनी कुमार और पीएमो ने ड्राफ्ट रिपोर्ट में बदलाव करवाए थे लेकिन इस बदलाव से किसी भी आरोपी या अपराधी की रिपोर्ट पर कोई असर नहीं पडा है. कानून मंत्री के दफ्तर, अटार्नी जनरल ऑफिस और सीबीआई के ऑफिस में रिपोर्ट पर हुई तीन बैठकों की बात स्वीकार करते हुए इसने बैठक में एजी(AG) और सॉलिसिटर जनरल के उपस्थित रहने और रिपोर्ट देखे जाने की बात भी कबूली पर इन दोनों द्वारा किसी भी प्रकार कोई बदलाव किए जाने से इनकार किया गया था. इसी पर आज सुनवाई होनी थी.
Read: भारत की सूझबूझ या चीन की कूटनीति?
कोर्ट ने सुनवाई में आज फिर से सीबीआई को रिपोर्ट साझा करने के लिए कड़ी फटकार लगाई और इसे पिंजरे में बंद तोता बताया जो अपने मास्टर के इशारे पर बोलता है, उसी का सिखाया बोलता है. सीबीआई की कार्यशैली पर नाराजगी जताते हुए कोर्ट ने कहा कि यह एक स्वायत्त संस्था है और इसे अपनी स्वायत्तता खोनी नहीं चाहिए. सर्वोच्च न्यायालय ने अटार्नी जनरल जीई वाहनवती और एडिशनल सॉलिसिटर जनरल हरिन पी रावल द्वारा रिपोर्ट देखे जाने के लिए उनकी कार्यशैली पर भी नाराजगी व्यक्त की. कानून मंत्री अश्विनी कुमार द्वारा रिपोर्ट देखे जाने और इसमें बदलाव किए जाने पर अब तक कोर्ट ने कोई टिप्पणी नहीं की है पर माना जा रहा है कि कोर्ट की इन पर टिप्पणी आने के बाद अश्विनी कुमार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. इतना ही नहीं कांग्रेस ( (Congress Party) खेमा और यूपीस सरकार भी इस पर मुश्किल में पड़ सकती है.
गौरतलब है कि भाजपा द्वारा अश्विनी कुमार के इस्तीफे की मांग को अब तक कांग्रेस ने यह कहकर ठुकराया है कि मामला कोर्ट में है, अब तक कुछ साबित नहीं हुआ है. पर सुप्रीम कोर्ट ने जिस तरह सीबीआई (CBI) को मास्टर का तोता बताया है उससे साफ है कि कोर्ट का इशारा यूपीए सरकार (UPA Government) की तरफ ही था.
Read:
Read Comments