फरवरी 2013 में किए गए तीसरे परमाणु परीक्षण के बाद जब उत्तर कोरिया को दुनिया के अन्य देशों से अलग-थलग कर दिया गया तो उसने फिर एक बार परमाणु मिसाइल परीक्षण करने जैसी तैयारियां शुरू कर दुनिया को तीसरे विश्वयुद्ध जैसा खौफनाक सपना दिखा दिया. अमेरिका और दक्षिण कोरिया ने उत्तर कोरिया को धमकाना शुरू कर दिया कि अगर उसके द्वारा फिर एक बार मिसाइल परीक्षण किया गया तो अंजाम बुरा होगा, लेकिन जिद्दी नॉर्थ कोरिया ने अपनी हरकतों से बाज ना आते हुए अपने पूर्वी तट पर स्थित परमाणु परीक्षण संस्थान में गतिविधियां तेज कर दी. उसकी इस हरकत से दुनियाभर में यह संदेश गया कि उत्तर कोरिया खुद को ताकतवर दिखाने के लिए यह सब कर रहा है जिसके परिणाम बेहद घातक हो सकते हैं. उत्तर कोरिया द्वारा विदेशी राजदूतों और पर्यटकों से देश छोड़कर जाने जैसा भी सुझाव दिया गया. इन सभी घटनाओं के बाद अमेरिका और दक्षिण कोरिया ने खुद को उत्तर कोरिया के खिलाफ युद्ध के लिए तैयार कर लिया, जिसके बाद युद्ध की संभावनाओं को और बल मिलने लगा.
लेकिन हैरानी की बात तो ये है कि जहां पूरी दुनिया खुद को तीसरे विश्वयुद्ध जैसे खतरे के बीच फंसा पा रही है वहीं उत्तर कोरिया तो जश्न की तैयारियों के बीच पूरी तरह डूबा हुआ है. उल्लेखनीय है कि आगामी 15 अप्रैल को उत्तर कोरिया के संस्थापक किम इल सुंग का जन्मदिन है और इस दिन को नेशनल हॉलिडे के तौर पर मनाया जाता है और ढेरो कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.
प्योंगयांग की ओर से कुछ दिन पहले तक युद्ध की धमकियां दी जा रही थी वहीं वह खुद दुनिया को डरा कर जश्न की तैयारियों में डूबा हुआ है. उत्तर कोरियाई सेना के जवानों में अपनी बंदूकें छोड़कर मैदान में फूल उगाना शुरू कर दिया है, राज्य को खूबसूरत बनने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं.
नॉर्थ कोरिया के भीतर युद्ध की कोई तैयारियां नहीं हैं बल्कि राज्य के अंदरूनी हालात पूरी तरह शांत और सहज हैं. स्कूली बच्चों द्वारा परेड की तैयारियां की जा रही हैं, अन्य लोग विभिन्न वेशभूषा में सज-धजकर अपने-अपने नाटकों और नृत्य की तैयारियां कर रहे हैं.
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लेकिन इस गरीब देश की खासियत यही रही है कि वह ऐसे राष्ट्रीय अवकाश जैसे महत्वपूर्ण दिनों का प्रयोग अपनी ताकत दिखाने के लिए करता रहा है इसीलिए यह माना जा रहा है कि शायद 15 अप्रैल यानि अपने संस्थापक के जन्मदिन पर ही उत्तर कोरिया मिसाइल परीक्षण कर सकता है.
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दक्षिण कोरिया के अधिकारियों का कहना है कि उत्तर कोरिया द्वारा किए जाने वाले मध्य रेंज वाली मिसाइल के परीक्षण की संभावनाएं बहुत तीव्र हैं. वह किसी भी क्षण अपने मंतव्यों को अंजाम दे सकता है.
हालांकि अभी तक उत्तर कोरिया की ओर से ऐसी कोई घोषणा नहीं की गई है कि वह परमाणु परीक्षण ना करने जैसा संयुक्त राष्ट्र के आदेश की अवज्ञा करने जैसा कदम कब उठाने जा रहा है लेकिन उसने यह एडवाइजरी जरूर जारी कर दी है कि युद्ध संभावनाओं के चलते विदेशी जल्द से जल्द देश छोड़कर चले जाएं.
उत्तर कोरिया की क्या मंशा है, क्या वह बस दुनिया को डराने के लिए यह सब हथकंडे अपना रहा है या फिर वाकई वह तीसरे विशयुद्ध के लिए खुद को तैयार कर चुका है? हालात बिगड़ते जा रहे हैं लेकिन इन बिगड़ते हालातों का जवाब किसी के भी पास नहीं. सिवाय इंतजार करने के आज हमारे पास कोई चारा भी नहीं है.
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