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विवादों से है इनका नाता

shashi tharoorकुछ माह पूर्व मुख्तार अब्बास नकवी ने केंद्रीय मानव संसाधन राज्य मंत्री शशि थरूर को लव गुरु बताते हुए कहा था कि अगर देश में लव मंत्रालय बने तो थरूर को उसका मंत्री बना दिया जाना चाहिए. नकवी द्वारा दिया गया यह बयान शशि थरूर के रंगीन और मस्तमौला मिजाज को बताता है.


शशि थरूर की शादी

कांग्रेस नेता शशि थरूर जितना अपने मंत्रालय के लिए चर्चित नहीं हैं उससे कहीं ज्यादा वह अपने लव अफेयर्स’ और ट्विटर पर टीका-टिप्पणी की वजह से चर्चा में रहते हैं. 56 वर्षीय शशि थरूर ने 2010 में जब केरल के पलक्कड में अपनी दोस्त सुनंदा पुष्कर के साथ तीसरी शादी रचाई तो इस खबर ने काफी सुर्खियां बटोरी. शादी में मीडियाकर्मियों को नहीं बुलाया गया था लेकिन बड़ी संख्या में मीडियाकर्मी पहुंचे थे. इस शादी के हनीमून के भी काफी चर्चे रहे.


शशि थरूर और विवाद

शशि थरूर के रंगीन मिजाज का पता इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह सरकार द्वारा दिए गए सरकारी आवास को रहने के लायक नहीं समझते बल्कि उसकी जगह पांच सितारा होटल में रहना पसंद करते हैं.


शशि थरूर न केवल मिजाज से एक अलग तरह के शख्सियत हैं बल्कि टीका-टिप्पणी में भी वह आगे रहे हैं. जब वह यूपीए सरकार में विदेश राज्य मंत्री थे, तब उन्होंने एक बयान में इकॉनमी क्लास को कैटल क्लास (पशुओं का बाड़ा) करार दिया था जिसकी वजह से उन्हीं की पार्टी के अंदर उनकी आलोचना होने लगी और उन्हें पद से हटाए जाने की मांग की गई.


उन्होंने दिल्ली बलात्कार पीड़िता निर्भया की असली पहचान को लेकर विवादित बयान दिया था. थरूर ने निर्भया की पहचान उजागर होने का समर्थन करते हुए इस बात की पैरवी की कि यदि उसके अभिभावक तैयार हों तो नए कानून को उस बहादुर लड़की के नाम पर बनाया जा सकता है.


पिछले साल हिमाचल प्रदेश में नरेंद्र मोदी ने मानव संसाधन राज्य मंत्री शशि थरूर की पत्नी पर निजी टिप्पणी की थी जिसके जवाब में शशि थरूर ने ट्वीट किया, ‘मेरे लिए मेरी पत्नी आपके काल्पनिक 50 करोड़ रुपये से कहीं ज्यादा कीमती है. वह बेशकीमती है. लेकिन आपको यह समझने के लिए पहले किसी से प्यार करना होगा’. मोदी ने एक चुनावी सभा में थरूर की पत्नी को उनकी 50 करोड़ की गर्लफ्रेंड कहा था.


हाल में उन्होंने कांग्रेस से अलग एक अलग सोच रखते हुए व्हार्टन इंडिया इकॉनोमिक फोरम द्वारा नरेन्द्र मोदी के संबोधन को रद्द किए जाने पर अस्वीकृति जाहिर करते हुए कहा कि संस्थान को गुजरात के मुख्यमंत्री को आमंत्रित किए जाने के बाद उन्हें सुनना चाहिए था.


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