आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस है और आज ही उस महिला का जन्मदिन भी है जिसने समाज की स्त्री विरोधी रुढ़ियों और परंपराओं को पीछे ढकेलते हुए राज्य की पहली महिला मुख्यमंत्री बनी. राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया के लिए यह सब आसान नहीं था क्योंकि वह जिस राज्य से ताल्लुक रखती हैं वहां पुरुषों से भरी राजनीति में अपने लिए जगह बना पाना और काम कर पाना उनके बेहद कठिन था.
अब सहवाग के संन्यास की बारी !!
वसुंधरा राजे सिंधिया का जीवन
मुंबई में 8 मार्च, 1953 ई. को जन्मी वसुंधरा राजे सिंधिया उन महिलाओं में से हैं जिसका संबंध भारत के रसूखदार परिवार से है. वसुंधरा राजे ग्वालियर के शासक जीवाजी राव सिंधिया और उनकी पत्नी राजमाता विजया राजे सिंधिया की चौथी संतान हैं. उनके परिवार का नाता सिंधिया रॉयल मराठा परिवार से है. वसुंधरा राजे ने तमिलनाडु के प्रेजेंटेशन कॉन्वेंट स्कूल से प्रारम्भिक शिक्षा पूरी करने के बाद सोफिया महाविद्यालय, मुंबई यूनिवर्सिटी से इकॉनॉमिक्स और साइंस आनर्स से स्नातक की शिक्षा प्राप्त की है.
वसुंधरा राजे सिंधिया का राजनीतिक सफर
वसुंधरा राजे सिंधिया एक ऐसे परिवार में पैदा हुईं जहां पर राजनीति उन्हें विरासत में मिली. अपनी राजमाता विजया राजे सिंधिया की प्रेरणा की वजह से उन्होंने भारतीय राजनीति में प्रवेश किया. वसुंधरा राजे को सन् 1984 में भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल किया गया था. उन्होंने 1985 में राजस्थान विधानसभा में प्रवेश किया. वसुंधरा लगातार चार बार झालावाड़ संसदीय सीट से चुनाव जीत चुकी हैं. वसुंधरा राजे का रिकॉर्ड है कि वह आज तक कोई चुनाव नहीं हारीं. वसुंधरा राजे की लगन और भाजपा में उनकी वफादारी के चलते 1998-1999 में अटलबिहारी वाजपेयी मंत्रिमंडल में वसुंधरा को विदेश राज्यमंत्री बनाया गया. उन्हें केंद्र में राज्यमंत्री के तौर पर स्माल इंडस्ट्रीज, कार्मिक एंड ट्रेनिंग, पेंशन व पेंशनर्स कल्याण, न्यूक्लियर एनर्जी विभाग एवं स्पेस विभाग का स्वतंत्र प्रभार भी मिल चुका है.
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मुख्यमंत्री के रूप में वसुंधरा राजे
जिस राज्य में सबसे ज्यादा महिलाओं के साथ अन्याय, पक्षपात या शोषण होता हो वहां वसुंधरा राजे 2003 में राज्य की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं. बतौर मुख्यमंत्री उन्होंने पांच साल तक अपने कार्यकाल को पूरा किया. 2008 के विधानसभा चुनाव में जनता ने उन्हें स्वीकार नहीं किया और उनकी सरकार सत्ता से बाहर हो गई.
वसुंधरा राजे सिंधिया और विवाद
अक्टूबर 2009 में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी से मुलाकात के बाद वसुंधरा राजे सिंधिया ने राजस्थान में विपक्ष नेता के रूप में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. 2009 में दीनदयाल ट्रस्ट केस में वसुंधरा राजे सिंधिया समेत पूर्व बीजेपी सरकार के 9 लोगों का नाम उछला था. वर्तमान में राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया को राज्य भाजपा का अध्यक्ष बनाया गया है. इसके साथ ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने वसुंधरा को राजस्थान विधानसभा चुनाव की कमान भी सौंपी है.
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