कांग्रेस में ऐसे बहुत सारे वफादार नेता हैं जो गांधी-नेहरू परिवार पर पड़ने वाली किसी भी विपत्ति के समय साथ खड़े दिखाई देते हैं. उन्हीं नेताओं में से हैं केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद . चाहे बात तेलंगाना मुद्दे की हो या फिर अन्य दूसरे जटिल मुद्दों की कांग्रेस की आलाकमान अन्य नेताओं की अपेक्षा गुलाम नबी आजाद (Gulam Nabi Azad in Hindi) पर अधिक भरोसा करती हैं.
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कांग्रेस के लिए एक उपयुक्त शख्सियत
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एक तेज-तर्रार नेता के रूप में पहचाने जाते हैं. यह एक ऐसे नेता हैं जिनका ध्यान अपने मंत्रालय पर कम और उन समस्याओं को निपटाने में ज्यादा होता है जो किसी वजह से सरकार के लिए बड़ी मुसीबत साबित हो सकते हैं. किस घटक दल को अपने साथ जोड़ना है, किसे मनाना है, जैसे मसलों पर कांग्रेस के लिए गुलाम नबी आजाद एक उपयुक्त शख्सियत है. हालांकि अपने बयानों की वजह से उन्हें विपक्षी दलों की आलोचनाओं का सामना करना पड़ता है.
गुलाम नबी आजाद का जीवन
जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले से नाता रखने वाले कांग्रेस महासचिव गुलाम नबी आजाद का जन्म 7 मार्च, 1949 को हुआ. इनके पिता का नाम रहमतुल्लाह था. गुलाब नबी आजाद ने जम्मू-कश्मीर विश्वविद्यालय से प्राणि विज्ञान में स्नातकोत्तर की पढ़ाई संपन्न की. गुलाम नबी आजाद ने वर्ष 1980 में कश्मीर की एक लोकप्रिय और प्रतिष्ठित गायिका शमीन देव आजाद के साथ विवाह संपन्न किया. इनके परिवार में पत्नी और दो बच्चे हैं.
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इसमे कोई शक नहीं है कि गुलाम नबी आजाद कांग्रेस के एक कुशल राजनेता हैं. वर्ष 1973 में कांग्रेस के सदस्य के तौर अपना राजनैतिक कॅरियर शुरू करने वाले गुलाम नबी आजाद ने मंत्री के रूप में कई केंद्रीय मंत्रालय संभाले हैं जिसमें पर्यटन, नागरिक उड्डयन और संसदीय मामले शामिल हैं. गुलाम नबी आजाद के जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष पद पर रहते हुए कांग्रेस को विधानसभा चुनावों में 21 सीटों पर जीत हासिल हुई जिसके बाद वह प्रदेश की दूसरी सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बनकर उभरी. गुलाम नबी आजाद जम्मू-कश्मीर राज्य के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं.
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