भारत और पाकिस्तान के बीच चल रही गहमा-गहमी के बीच ऐसा भी हो सकता था इसकी उम्मीद किसी को नहीं थी. पाकिस्तान की हुकूमत का यह असली चेहरा अब सामने आया है और लोग इस बात को समझ सके इसीलिए शायद यह सब किया जा रहा है. पाकिस्तान की राजनीति पूरी तरह से अस्थिरता से भरी हुई है. लेकिन यह कोई नई बात नहीं है क्योंकि पहले भी पाकिस्तान में इस प्रकार की घटनाएं होती रही हैं. सत्ता परिवर्तन और सत्ता के खिलाफ आवाज उठाना पाकिस्तान के लिए आम बात तो नहीं है लेकिन उल्लेखनीय बात यह है कि यहां सत्ता परिवर्तन नहीं होता बल्कि उसे पूरे तरह से उखाड़ कर फेंक दिया जाता है. पाकिस्तान जैसा देश जहां ना तो बोलने की आजादी है और ना ही अपनी व्यक्तिगत आजादी है वहां इस प्रकार के परिवर्तन होना स्वभाविक है.
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पाकिस्तान की वर्तमान अवस्था: पाकिस्तान की वर्तमान अवस्था की अगर बात की जाए तो यह देखा जा सकता है कि वहां अशांति का माहौल विद्यमान है. पाकिस्तान के वर्तमान हालात कुछ ऐसे हैं जिन्हें सुधारना मुश्किल साबित हो सकता है. पाकिस्तान के इस्लामी विद्वान डॉ. ताहिरुल कादरी के करीब एक लाख समर्थक, संसद और विधानसभाओं को भंग करने के साथ-साथ सरकार के इस्तीफे समेत कई मांगों को लेकर संसद के बाहर जमा हो गए हैं.
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अपनी मांग को जायज ठहराते हुए डा. ताहिरुल कादरी ने सीधे सरकार को सरकार परिवर्तन के लिए अल्टिमेटम दे दिया है. उनका कहना यह है कि अगर अभी हम अपने देश की सियासत के हालातों को नहीं सुधारेंगे तो आगे आने वाली पीढ़ी को देने के लिए हमारे पास कुछ नहीं होगा. पाकिस्तान जिन हालातों से गुजर रहा है उनको देखकर तो यही लगता है कि वहां की सियासत में फिर से कोई नया मोड़ आने वाला है.
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सत्ता पक्ष की क्या गलती है?: इस पूरे मामले को अगर गंभीरता से समझें तो यह बात खुलकर सामने आ जाती है पाकिस्तान की जनता की आवाज को हमेशा से ही दबाया जाता रहा है. भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाना यह साबित करता है कि उस देश में शासन के नाम पर गोरखधंधा हो रहा है. पाकिस्तान के बिगड़ते हालातों के मद्देनजर कुछ तथ्य भी उभर कर सामने आते हैं जो प्रदर्शनकारियों के पर ही सवाल खड़े करते हैं. खैर ऐसा होना आम बात है क्योंकि किसी भी प्रदर्शन में यह बात देखी गई है कि सियासत प्रदर्शनकारियों पर दाग लगाती है ताकि उनकी अपनी छवि बरकरार रहे और उनका पद भी. लेकिन शायद इस बार पाकिस्तान की हालत ऐसी नहीं दिख रही है. कादरी के ऊपर भी आरोप लगने शुरू हो गए हैं कुछ लोग इस बात पर भी चर्चा कर रहें हैं कि ऐसे प्रदर्शन करने के लिए कादरी इतना धन कहां से ले आ रहे हैं. शायद सत्ता पक्ष हमेशा ही कुछ ऐसी गलतियां करता है जिसका खामियाजा उसे ही चुकाना होता है. अब देखने वाली बात यह होगी की पाकिस्तान की सियासत इस मुद्दे पर कौन से नए रंग दिखाएगी.
डॉक्टर कादरी पर सवालिया निशान: डॉक्टर कादरी, जिनका कहना है कि वो देश के हित में यह सारा काम कर रहे हैं, पर सवालिया निशान उठाना किस हद तक सही है? छः महीने पहले कनाडा से लौटे डॉक्टर कादरी के बारे में यह बोला जा रहा है कि उनके इन सभी प्रदर्शनों के पीछे चुनावी एजेंडा है. पाकिस्तान में चार महीने बाद चुनाव होने वाले हैं. लेकिन लगता है डॉक्टर कादरी का सही मायनों इन सब के पीछे क्या स्वार्थ था यह तो उसी समय समझ में आएगा.
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