जब खुद के आत्मविश्वास को दूसरों के विश्वास के साथ मिलाने में कोई सक्षम होता है तो ऐसा देखा गया है कि उसे कामयाबी अवश्य मिलती है. फिर से एक बार परिस्थितियां वही देखने को मिल रही हैं जो 2007 में थीं या आप कह सकते हैं कि उससे भी बेहतर स्थिति में इस बार खुद को पहुंचा चुके हैं नरेन्द्र मोदी. नरेन्द्र मोदी एक ऐसे नाम हैं जो गुजरात के साथ-साथ केन्द्र की राजनीति को भी प्रभावित करने का दम रखते हैं. अपनी अहमियत को दिखाते हुए नरेन्द्र मोदी एक बार फिर से यह सिद्ध करने वाले हैं कि गुजरात की राजनीति और भाजपा में उनका स्थान क्या है. एक बड़े पैमाने पर अपनी आवश्यकता को दिखाते हुए नरेन्द्र मोदी एक बार फिर आंकड़ों के हिसाब से आगे चल रहे हैं.
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आंकड़े क्या कहते हैं(Narendra Modi Election): गुजरात में दूसरे चरण का मतदान भी हो चुका है और अब वह समय आ गया है जब आंकड़ों के ऊपर नजर रख कर चर्चा की जाए. जिस प्रकार की संभावना की जा रही थी और जिस प्रकार के पूर्वानुमान लगाए जा रहे थे वो सारे शायद ध्वस्त होते नजर आ रहे हैं. कांग्रेस और केशुभाई पटेल से जिस प्रकार की टक्कर के अनुमान लगाए जा रहे थे वो कहीं ना कहीं टूटते हुए नजर आते हैं. केशुभाई पटेल की पार्टी गुजरात परिवर्तन पार्टी भी नाकाम ही लग रही है खुद को साबित कर पाने में और यही हालत गुजरात कांग्रेस का भी हुआ है. आखिरकार क्या-क्या नहीं किया गया पर नरेन्द्र मोदी की धार के सामने सब सपाट से नजर आ रहे हैं. एक बार फिर यह कहा जा सकता है कि कांग्रेस अपना जादू दिखाने में असमर्थ ही दिख रही है और साथ-साथ राहुल गांधी के राजनैतिक भविष्य पर भी सवाल उठने लगे हैं.
यहां उम्मीद नहीं थी(Gujarat Election 2012): अगर बात करें सौराष्ट्र की तो वहां अंदाजा लगाया जा रहा था कि नरेन्द्र मोदी को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. इस क्षेत्र के बारे में जहां प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी अपने अनुमान प्रकट किए थे कि सौराष्ट्र में पानी की समस्या का अभी तक कोई खास निदान नहीं हुआ वहां के भी अगर आंकड़े देखे जाएं तो अनुमान यह लगाया जा रहा है कि भाजपा आगे चल रही है. यह भी प्रबल रूप से अनुमान लगाया जा रहा है कि नरेन्द्र मोदी हैट्रिक के मौके को हाथ से जाने नहीं देंगे. एक खास बात यह भी है कि इस बार के चुनाव में नरेन्द्र मोदी की स्थिति में और ज्यादा सुधार होने की आशा की जा रही है. आंकड़ों की मानें तो इस बार के चुनाव में भाजपा को 118-120 सीट तक मिलने के आसार दिख रहे हैं जो पिछली बार के आंकड़ों को पार करते हुए नजर आते हैं. यह बात साफ तौर पर कही जा सकती है कि फिर से एक मजबूत अवस्था में नरेन्द्र मोदी खुद को देख सकते हैं.
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