देश के हर अखबार, न्यूज, लोग, शहर में एक ही नाम गूंज रहा है-कसाब. जहां पूरा देश हर्ष में डूबा हुआ है और लोग देश द्वारा लिए गए बदले से खुश हैं वहीं कुछ ऐसे प्रश्न भी सामने आ रहे हैं जो देश और भारतीयों के लिए चिंता का कारण बनते नज़र आ रहे हैं. यह प्रश्न उतने ही गंभीर हैं जितना कसाब भारत के लिए था. कसाब के फांसी के बाद अब राजनैतिक चिंतक इस बात का अनुमान लगा रहे हैं कि अब पकिस्तान सरबजीत सिंह के साथ क्या करेगा.
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क्या भारत पकिस्तान को नहीं जानता(India Pakistan): कसाब के मौत के बाद अब भारतीयों के बीच यह चिंता घर करने लगी है कि सरबजीत सिंह के साथ अब पाकिस्तान क्या करेगा? 1990 में लाहौर और फैसलाबाद में हुए बम विस्फोट के सिलसिले में सरबजीत सिंह को पकड़ा गया था. पकिस्तान और भारत के बीच कभी भी रिश्ते ठीक नहीं रहे हैं भले ही सुधार के लिए ढोंग जरूर किया जाता रहा है. पकिस्तान को एक अच्छा मौका मिला है कसाब के बदले को पूरा करने का. भले ही पकिस्तान अभी तक इस विषय में कुछ नहीं कह रहा है पर उसकी नीयत किसी से छुपी नहीं है.
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सरबजीत भी उतना ही गुनहगार है(Sarabjit Singh )?: यह भी एक ऐसा प्रश्न है जो मायने रखता है कि क्या सरबजीत भी उतना ही गुनहगार है जितना कि कसाब था. अगर कसाब और सरबजीत के जुर्म की तुलना की जाए तो देखा जा सकता है कि किसका जुर्म बड़ा है और दूसरे तर्क पर देखा जाए तो यह बात भी सही लगती है कि जुर्म तो जुर्म होता है चाहे वो छोटा हो या बड़ा. फिर भी सलमान खुर्शीद ने इस बात पर चर्चा करते हुए कहा कि सरबजीत के मामले में पाकिस्तान का रवैया अलग होगा. सरबजीत की रिहाई के लिए काफी सारे कवायद किए जा रहे हैं अब बस देखना यही है कि भारत ने जो कसाब के साथ किया क्या भारत को भी सरबजीत के मामले में वही देखने को मिलेगा.
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