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Bali Ram Bhagat – पूर्व लोकसभा स्पीकर बलिराम भगत

b.l bhagatबलिराम भगत का जीवन परिचय

पांचवी लोकसभा के स्पीकर और एक अनुभवी स्वतंत्रता सेनानी बलिराम भगत का जन्म 7 अक्टूबर, 1922 को पटना, बिहार में हुआ था. पटना कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद बी.आर. भगत ने पटना यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र विषय के साथ स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की. विद्यार्थी जीवन से ही बलिराम भगत को राजनीति में रुचि रही थी. उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भूमिका निभाते हुए मात्र सत्रह वर्ष की आयु में ही भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली थी. भारत छोड़ो आंदोलन, 1942 में भाग लेने के लिए उन्हें कॉलेज तक छोड़ना पड़ा. इसी दौरान दो वर्ष के लिए बलिराम भूमिगत भी रहे थे.


बलिराम भगत का राजनैतिक सफर

बलिराम भगत के सक्रिय राजनैतिक जीवन की शुरूआत पहले लोकसभा चुनाव में जीतने के साथ ही शुरू हो गई थी. वह दूसरी, तीसरी, चौथी, पांचवीं लोकसभा चुनावों में जीते थे. लोकसभा में अपने कार्यकाल के दौरान बलिराम भगत ने कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया. वर्ष 1952 से 1956 तक वह वित्त मंत्री के संसदीय सचिव भी रहे. वर्ष 1956 में बलिराम भगत वित्त मंत्रालय में बतौर उपमंत्री नियुक्त किए गए. लगातार सात वर्षों तक वह इस पद पर काबिज रहे. वर्ष 1963-1967 तक वह राज्य मंत्री भी बने, उन्हें योजना मंत्रालय का भार सौंपा गया. वर्ष 1967 में बलिराम भगत कुछ समय के लिए भारतीय रक्षा मंत्रालय में भी नियुक्त किए गए. इसी वर्ष वह विदेश राज्य मंत्री भी बनाए गए. वर्ष 1969 में वे विदेशी व्यापार और पूर्ति मंत्रालय के कैबिनेट मंत्री बनाए गए. कुछ समय के लिए वह इस्पात और भारी इंजीनियरिंग मंत्री भी बनाए गए. वर्ष 1976 में पांचवें लोकसभा चुनावों के बाद बलिराम भगत को लोकसभा स्पीकर नियुक्त किया गया. जिस दौरान वह स्पीकर बनाए गए उस समय भारत आपातकाल के दौर से गुजर रहा था.


वर्ष 1980 के आम चुनावों में जीतने के बाद वह सातवीं लोकसभा में शामिल हुए. उन्हें आठवें लोकसभा चुनावों में भी विजय प्राप्त हुई. वर्ष 1985-1986 में कुछ समय के लिए, राजीव गांधी सरकार में बलिराम भगत विदेश मंत्री भी बनाए गए. लगभग चार माह के लिए बलिराम भगत हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल भी बनाए गए. इसके अलावा वह वर्ष 1993 से 1998 तक राजस्थान के राज्यपाल भी रहे.


बलिराम भगत का निधन

89 वर्ष की आयु में 2 जनवरी, 2011 को नई दिल्ली में बलिराम भगत का निधन हो गया.


बलिराम भगत राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों स्तर पर ही अपनी पहचान बना चुके थे. राजनीतिज्ञ होने के साथ-साथ वह कृषक और समाज सेवी भी थे.


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